परीक्षा उनकी थी और परचा लिखा वित्त मंत्री ने ..पास तो होना था और पास भी हो गए ..भारत गावों का देश है इसलिए बजट भी ग्राम आधारित ही होना था ..यह बजट था ग्रामीण अर्थव्यवस्था का और उसके विकास का ..कहा भी गया कि" यह बजट है गांव ,गरीब और किसान का ,देश की उड़ान का "...आम आदमी या नौकरीपेशा के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं निकला ..आयकर में छूट का या उसकी सीमा बढ़ाने का सबको बड़ा इंतज़ार था ...पर वित्तमंत्री के पिटारे में उनके लिए कुछ खास नहीं था ...उनको तो उतनी ही ईमानदारी से अपने कर दायित्व का भुगतान करना है .जैसा वो करते रहें हैं...केवल दो प्रावधान है करदाताओं के लिए यदि उनकी आय 5 लाख से कम है तो उनको धारा 87 के अंतर्गत छूट की उच्चतम सीमा 2000 रु से बढाकर 5000 रु .कर दी गयी है ...इसके अलावा किराये के मकान में रहने वालों के लिए प्रतिमाह 2000 रु की छूट बढाकर 5000 रु .प्रतिमाह याने 60000 रु वार्षिक की छूट दी गयी है ...अपने लिए पहली बार लिए गये मकान के लोन पर भी 50000 रु .की अतिरिक्त छूट दी गयी है ... घरेलु करदाताओं के लिए एक स्कीम की घोषणा की जिसमे वह अपनी अघोषित आय को 45 % टैक्स देकर अदालती कार्यवाही से बच सकता है .विभिन्न मंत्रालयों द्वारा लागु 13 उपकरों को समाप्त कर दिया गया है ..
अब बात करें ग्रामीण विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर पर इसके लिए 3 क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है ..प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और बीपीएल परिवारों को सब्सिडी वाला गैस कनेक्शन ..फिर ग्रामीण और गरीबों के लिए एक नई स्वास्थ्य बीमा योजना भी प्रस्तावित है इसमें 1 लाख तक के स्वास्थ्य व्यय का भुगतान किया जायेगा ..आधार कार्ड का दायरा बढ़ाने के लिए और सब्सिडी निश्चित करने के लिए अब गैस के साथ उर्वरकों को भी जोड़ दिया गया है . कृषि और किसान कल्याण के लिए लगभग 36 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है ..प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत 28 .5 लाख एकड़ भूमि को शामिल किया गया है . 20 हजार करोड़ से नाबार्ड की एक दीर्घावधि सिंचाई निधि का सृजन भी किया गया है ...मनरेगा का दायरा भी बढ़ाया गया है .जैविक खेती , थोक बाजारों में ई-बाजार को बढ़ावा और किसानों को ब्याज सहायता में भी अतिरिक्त बजट का प्रावधान है .चार डेरी परियोजनाओं पशुधन संजीवनी , नकुल स्वास्थ्य पत्र ,ई-पशुधन हाट और राष्ट्रीय देशी नस्ल जीनोमिक केन्द्रों के लिए भी 850 करोड़ का प्रावधान किया गया है .सूखाग्रस्त क्षेत्रों और ग्रामीण आपदाओं के लिए विशिष्ट ब्लाक बनाये जायेंगे. 1 मई 2018 तक सम्पूर्ण ग्रामीण विद्ध्युतीकरण के लिए लक्ष्य तय किया गया है . खुले में शौच से मुक्त गावों के लिए अलग प्राथमिकताएं तय की गई है .एक नयी योजना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के लिए अलग से 655 करोड़ का प्रावधान है .
देश और अन्य क्षेत्रों के विकास के लिए बैंकों के पुनर्पूंजीकरण हेतु 25 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है ..यह राशि काफी कम है क्योकि बैंकों का एनपीए काफी अधिक है ..हा वित्तमंत्री जी ने इसके लिए यह भी कहा है की जरुरत पड़ने पर कुछ और भी किया जायेगा . इसके लिए सरकार द्वारा सार्वजनिक बैंकों में अपनी हिस्सेदारी 51 % से कम भी की जा सकती है .यदि रिज़र्व बैंक बैंक दरों में कमी करे तो बैंक की लाभपरकता बढ़ सकती है और उनकी बैलेंस शीट ठीक हो सकती है .
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की राशि भी बढ़कर 180 हजार करोड़ कर दी गयी है ..स्टार्टअप योजना के अंतर्गत नयी इकाइयों को 100 प्रतिशत लाभ कटौती दी गयी है .पेटेंट पर भी किसी भारतीय के लिए 10 % टैक्स देय होगा यह भी स्टार्टअप योजना का एक प्रावधान है .
सेवा करों में कोई वृद्धि न करते हुए 1 जून 2016 से 0 .5 % कृषि कल्याण उपकर लगाया गया है .कारों ,आभूषणों और ब्रांडेड रेडीमेड कपड़ों ,कोयला, तम्बाकू आदि पर कर की दरें बढ़ा दी गयी है सस्ता कुछ नहीं हुआ है ..विकलांगों के उपयोगी सामान को जरूर छूट दी गयी है ...शेयर बाजार को कुछ लाभ नहीं मिला ..शेयर के लाभांशी के 10 लाख से अधिक होने की दशा में 10 % कर लगेगा ..यह कर आयकर के अलावा होगा .यह काफी कम लोगों पर लागु होगा पर यह कर लगाकर सरकार यह दिखाना चाहती है की वह अमीरों की समर्थक सरकार नहीं है ...इससे राजस्व काफी कम मिलेगा पर दिखावा अधिक होगा ..बड़े कॉर्पोरेट इससे प्रभावित होंगे ..यह टैक्स डिविडेंट डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स कहा जाता है ..यह विश्व में केवल भारत में ही लगता है ...सीधे सीधे यह ग्रामीण विकास का और अधोसंरचना का एक प्रभावी बजट कहा जा सकता है ...आज जब वैश्विक मंदी की बात चल रही है देखना होगा हमारी प्रभावी अर्थव्यवस्था देश को किस दिशा में ले जाती है ....
-डॉ. कमल हेतावल , इंदौर 9893757021