एम्बुलेंस,फायर ब्रिगेड और ट्रेफिक
बड़े बड़े शहरों में ट्राफिक के बड़ी मारा-मारी है. सड़कों पर दोपहिया और चारपहिया वाहनों की लाइन के बीच जब जन सामान्य का चलना दूभर होता है ऐसे में कई बार देखने में आता है की एम्बुलेंस के सायरन को सुनकर भी लोग उसको साइड नहीं देते और एम्बुलेंस में जा रहे मरीज की हालत ख़राब होती जाती है या फिर वो वही रोड पर अपनी अंतिम सांसे लेने लगता है . कई बार ऐसा मज़बूरी में होता है की साइड देने के लिए जगह नहीं होती है अतः अन्य वाहनचालक साइड नहीं दे पाते पर हमेशा ऐसा नहीं होता. कई बार आगे चलने वाला वहां चालक जल्दबाजी के कारण साइड नहीं देता है . सबको जल्दी होती है पर इस जल्दबाजी में उस मरीज को प्राथमिकता देना चाहिए , हमारी जल्दी कोई जल्दी नहीं है उसके मुकाबले जो जिन्दगी और मौत के बीच संघर्षरत है . मेरा सभी पाठकों से निवेदन है की यदि आप इस तरह के किसी वाकये को देखे तो पहले प्राथमिकता दें एम्बुलेंस को . यही स्थिति फायर ब्रिगेड के लिए भी होती है यदि हम इन दोनों सेवा वाले वाहनों को भीड़ भरी रोड पर प्राथमिकता देते है तो हम अनजाने ही एक पुण्य का काम कर जाते है . शायद आप सभी मेरी बात से सहमत होंगे और जब ऐसा सामने देखे तो जरुर प्रयास करे की इन दोनों सेवा वाहनों को शीघ्र निकलने का अवसर मिलें आपकी प्रतिक्रिया और सुझावों का स्वागत है .
9 comments:
ji kamalji sahamat hu aap se,is tarah ke vakaye batate hai ki logo me samvedanshelata kam ho rahi hai unhe apane niji swarthke aage kisi ki parwah nahi karte .rahi sahi kasar siren jaise horn laga kar motorcycle chalane vale poori kar dete hai.log in siren ko sun kar kisi manchale ki gadi hai ye soch kar dhyan nahi dete.gambhir vishay hai.
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
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Tahe dilse swagat hai..logon ko patience badhana zarooree hai..
very true uncle..... aaj kal ke fast samay mein youth itna tej daud raha hai ki India aur society ki core value usmein dhere dhere kahina kahi khatam hoti jarahi hai.............
हिंदी ब्लॉग लेखन में आपका स्वागत है|
आपकी बातें सही हैं .. सुझाव भी उचित हैं.. लेकिन कुछ बातें ध्यान देने योग्य हैं:
एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाडियों के हॉर्न ही ऐसे होते हैं. अगर वे सडक पर खाली भी हों तो उनके हॉर्न वैसे ही बजेंगे...आजकल सडक पर बढ्ती भीड के कारण सच में साइड देने को जगह नहीं होती..
yah bat sahi hai or is par hum sabhi ko vichar karana chahiye
aap sabhi ne is vishay par apne vichar rakhe dhanywad. aasha hai aap mere is vichar ko aur logo tak pahuchakar acchhe vicharo ke vistar me sahbhagi banege.
punh dhanywad .
Dr.kamal Hetawal
kamalhetawal@yahoo.co.in
kamalhetawal@gmail.com
samvedanshelata ...
ham jab ko iske baare me sochna chahiye...
agar hame age jana hain toh ake dusre ke baare me aur saab ke heet ki baat karni hogi...
aapni socheye bar pehle sab ki....
hame sansar ko ghar banane ki kosis karni chahiye nahi ke bana baneye hua ghar ko todne ki
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